Saturday, January 23, 2010

मौसम के अलबेले दिन

कभी मद्धम चमकीले दिन
शबनम कभी शोले दिन
गर्मी की शरबत में घुल के
मानो खुद को भूले दिन
बारिश में बिस्तर पर लेटे
कुछ सूखे कुछ गीले दिन
सर्द हवा में अलाव सेंकते
सर्दी के अलबेले दिन
नई शाख पर जा कर अटके
बसंत के नर्म रुपहले दिन
मुझको कितने अपने लगते
मौसम के मुह्बोले दिन
अजीत

1 comment:

  1. अच्छी नज़्म ....आपमें हुनर है लिखते रहे .......!!

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