Wednesday, March 16, 2011

मौत तू एक कविता है

मौत तू एक कविता है
मुझसे एक कविता का वादा है मिलेगी मुझको
डूबती नज्मों में जब दर्द को नींद आने लगे
जर्द सा चेहरा लिए जब चाँद उफक तक पहुंचे
दिन अभी पानी में हो, रात किनारे के करीब
ना अँधेरा ना उजाला हो, ना अभी रात ना दिन
जिस्म जब ख़त्म हो और रूह को जब सांस आये
मुझसे एक कविता का वादा है मिलेगी मुझको
(इस कविता को फिल्म आनंद में डॉक्टर भास्कर बनर्जी नाम के किरदार के लिए गुलज़ार साहेब ने लिखा था। ये किरदार अमिताभ बच्चन ने निभाया था.)

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