चाँदनी पहने रात यू चले आकाश में,
सावली सी लड़की जैसे सफेद लिबास में
काश तुम मेरे होते ! तुमने कहा था,
कितना दर्द छुपा था उस काश में
जा जा के तितलियाँ चूमती हैं उसे,
तुमने पाँव रखे थे जिस घास में
उमर भर उसका कोई सुराग नही मिला,
जिंदगी भर जिन्दा रहे जिस जिंदगी की तलाश में
अजीत
Saturday, December 12, 2009
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्सुन्दर रचना
ReplyDeleteChandanee pahne raat yun chale...kitnee manbhavan pankti hai..pahlee hee panktee ne man moh liya!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...लिखते रहें... शुभकामनाएं... Word verification हटा लें...इससे असुविधा होती है...
ReplyDeleteअजीत जी,
ReplyDeleteबधाई हो. अच्छी पंक्तियाँ हैं.
Kitnehee kaash aise rah jate..jahan aake ham ruk jate hain
ReplyDeleteब्लॉग जगत में आपका स्वागत है अपने विचारों की अभिव्यक्ति के साथ साथ अन्य सभी के भी विचार जाने..!!!लिखते रहिये और पढ़ते रहिये....
ReplyDeleteBahut khubsurat vichar hai aapke. Mere blog par aapka swagat hai. http://jazbaat.blogspot.com
ReplyDeleteसुंदर भाव
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी टिप्पणियां दें
कृपया वर्ड-वेरिफिकेशन हटा लीजिये
वर्ड वेरीफिकेशन हटाने के लिए:
डैशबोर्ड>सेटिंग्स>कमेन्टस>Show word verification for comments?>
इसमें ’नो’ का विकल्प चुन लें..बस हो गया..कितना सरल है न हटाना
और उतना ही मुश्किल-इसे भरना!! यकीन मानिये
चाँदनी पहने रात यू चले आकाश में,
ReplyDeleteसावली सी लड़की जैसे सफेद लिबास में......
बहुत सुंदर रचना है। ब्लाग जगत में द्वीपांतर परिवार आपका स्वागत करता है।
pls visit...
http://dweepanter.blogspot.com
excellent !!
ReplyDeletenice one ..
ReplyDelete"kitna dard chhupa tha us kaash mein"
very decent kind of imagination.....