मैंने चूड़ियां खरीदी हैं तुम्हारे लिए
मेहरून और सुनहेरे रंग की
भाई साहेब, ये हर लिबास पे जचेंगी
यही कहा था बेचने वाले ने
या तो उसे चूड़ियां बेचनी थी या
वो मुझे बहला रहा था
खैर, मुझे तो पसंद आई
शायद तुम्हे भी आएँगी
जब ये तेरी की कैदी बन जाएँगी
मेरे प्यार की कीमत वसूल हो jayegi
Tuesday, January 18, 2011
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment