मुझे पता है उसे चाँद निकलने का बेसब्री से इंतज़ार है इसलिए नहीं के वो दिन भर से भूखी है इसलिए क्योंकि उसे चाँद में मेरा अक्स देखना है ...
Monday, October 10, 2011
जगजीत जी नहीं रहे, मेरे लिए ये महज एक खबर नहीं है। बचपन से एक खवाब था उनको लाइव देखने सुनने का , जो इस जनम में पूरा न हो सका। गांव में मेरे घर में मेरे कमरे में उनकी एक बड़ी सी तस्वीर लगी है। रह रह कर मुझे आज वो याद आ रही है । जगजीत जी, आपकी आवाज़ मेरी रूह में बसी है .....